Super Computer kya hai aur Bharat ke Supercomputer ke baare mein | What is Supercomputer and Param History

 सुपरकम्प्युटर क्या हैं और भारत के सुपरकम्प्युटर्स के बारे में 


सुपर कंप्यूटर का नाम तो आपने सुना ही होगा यदि नहीं तो आज इस पोस्ट के माध्यम से आप  सुपर कंप्यूटर क्या है(Super computer kya hai) और भारत का पहला सुपर कंप्यूटर कौन सा था और कैसे भारत ने अमेरिका के मनाकर देने के बाद में अपना सुपर कंप्यूटर बना के जवाब दिया था,


आज हम पहले से कहीं ज्यदा मशीनों का इस्तेमाल अपनी डेली लाइफ में करते है और आने वाले कुछ सालो टेक्नोलॉजी आज के मुकाबले कहीं ज्यदा बहतर हो जाएगी.

लेकिन बिना कंप्यूटर के इसके बारे में सोंचना सम्भव नहीं है हम जो भी कंप्यूटर अपने स्कूल , कॉलेज और ऑफिस में इस्तेमाल करते है उन्हें हम साधरण कंप्यूटर कहते है जिनसे हम कुछ छोटी मोटी कैलकुलेशन कर सकते है गेम और वीडियोस देख सकते है और अपने डेली के काम निपटा सकते है.

लेकिन जब बड़े डाटा को प्रोसेस करना हो या कोई बड़ी कैलकुलेशन करनी हो , बड़े अनुसंधानों में रिसर्च करनी हो तो इसके लिए एक विशेष कंप्यूटर की जरूरत पड़ती है जिसे हम Super Computer कहते है इनकी गाड़ना करने की स्पीड हमारे नार्मल कंप्यूटर से हजारो गुना ज्यदा होती है और ये रियल टाइम डाटा को प्रोसेस करने में शक्षम होते है.

इस आर्टिकल की मदद से आप जानेगे सुपर कंप्यूटर क्या है ये काम कैसे करते है super computer की speed कितनी होता है तो चलिए अपने इस आर्टिकल में आगे बढ़ते है और जानते है कुछ रोचक बाते .

Super Computer  क्या हैं ?

सुपर कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसकी कंप्यूटिंग स्पीड हमारे घरो में मौजूद पर्सनल कंप्यूटर से हजारो गुना ज्यदा होती है ये बड़ी से बड़ी गाड़ना को कुछ सेकंड्स में कर सकते है जिन्हें हमारा नार्मल कंप्यूटर नहीं कर सकता है.

सुपर कंप्यूटर का साइज़ एक कमरे या छोटे मकान के जितना हो सकता है इनको जटिल भौतकी कैलकुलेशन, इंडस्ट्रियल रिसर्च , मौसम का पता लगाने जैसे कामो में इस्तेमाल किया जाता है जिसमे रियल टाइम डाटा का इस्तेमाल होता है जिसे प्रोसेस करने के लिए हाई स्पीड और Accuracy की जरूरत होती है। 

जहाँ एक सामान्य कंप्यूटर की स्पीड को हम MIPS में मापते है जिसका मतलब होता है कि कंप्यूटर एक सेकंड में कितने लाख इंस्ट्रक्शन को प्रोसेस करता है जबकि दूसरी तरफ Super Computer की Speed को FLOPS में मापा जाता है सुपर कंप्यूटर में हजारो प्रोसेसर लगे होते है जिनकी हेल्प से सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में अरबो गणनाए करने में सक्षम होते हैं। 

सुपर कंप्यूटर Parallel Processing के सिधांत पर काम करते है जिसमे एक बड़े टास्क को कई छोटे छोटे पार्ट में बाँट दिया जाता है और कंप्यूटर उन्हें अलग अलग हल करता है जिसके बाद उन सब के रिजल्ट को एक साथ जोड़ के आपको फाइनल रिजल्ट मिलता है जिस कारण सुपर कंप्यूटर बहुत ही तेज़ी के साथ डाटा को प्रोसेस कर पाते है। 

क्रमिक एवं समान्तर संचार (Serial and Parallel Communication)

कंप्यूटर डाटा बिट तथा बाइट के हिसाब से ही संचारित होता है | कम्प्यूटर में इनका संचार तारो के माध्यम से होता है | ये संचार समान्तर तथा क्रमिक होते है |

समान्तर संचार (Parallel Communication)

समान्तर संचार में बाइनरी डाटा को बिट्स के समूह में संगठित किया जाता है तथा संगठित डाटा एक साथ संचरित किया जाता है, जिस प्रकार हम बोलते समय अक्षरों को संगठित करके शब्दों के रूप में बोलते है | समान्तर संचार में बिट्स को भेजने के लिए उस की संख्या के अनुसार ही तार का प्रयोग किया जाता है अर्थात यदि 8-बिट भेजनी है तो 8 तारो का प्रयोग किया जायेगा| समानांतर संचरण में प्रत्येक बाइट के सभी बिट्स एक साथ प्रेषित होते हैं। ASCII characters के लिए हमें आठ चैनलों (eight channels) की आवश्यकता है। सभी बिट्स एक साथ प्रेषित (transmitted together) होते हैं और एक साथ गंतव्य पर पहुंचते हैं।


समान्तर संचार का मुख्य लाभ गति होते है | अर्थात डाटा संचार, क्रमिक संचार की तुलना में अधिक गति से होता है परन्तु समान्तर संचार अधिक महँगा होता है |

लाभ:

  • डाटा को बहुत तेज गति से प्रेषित (transmitted) किया जा सकता है।

हानि:

  • जैसा कि यह समानांतर रास्तों का उपयोग करता है, इस कारण क्रॉस टॉक  (cross talk) हो सकता है। इसलिए, यह लंबी दूरी पर डाटा  स्थानांतरित करने के लिए उपयुक्त नहीं है। क्रॉस टॉक को कम करने के लिए, केबल की लंबाई (cable length) सीमित होनी चाहिए।
  • यह महंगा है। (क्योंकि, प्रत्येक बिट के लिए एक अलग चैनल होना चाहिए)

क्रमिक संचार (Serial Communication)

क्रमिक संचार में एक बिट, दूसरी बिट का अनुसरण करती है | क्रमिक संचार, समान्तर संचार की तुलना में सस्ता होता है | सीरियल ट्रांसमिशन (Serial Transmission) संचार का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है। प्रत्येक बाइट के सीरियल ट्रांसमिशन में बिट्स को एक के बाद एक पथ में (along a single path) प्रेषित किया जाता है। तब रिसीवर आने वाली बिट स्ट्रीम (incoming bit stream) को पात्रों (characters) में समेट (assembles) लेता है। सीरियल ट्रांसमिशन में, प्रत्येक बाइट के बिट्स एक के बाद एक पथ के साथ भेजे जाते हैं। एक उदाहरण सीरियल पोर्ट (RS-232) है, जिसका उपयोग माउस या MODEM के लिए किया जाता है।


क्रमिक संचार दो प्रकार से होता है

  • अतुल्यकालिक अथवा असमकालिक संचार (Asynchronous Transmission)
  • तुल्यकालिक अथवा समकालिक संचार (Synchronous Transmission)

अतुल्यकालिक अथवा असमकालिक संचार (Asynchronous Transmission) –

अतुल्यकालिक डाटा संचार में डाटा बाइट के साथ एक अंतिम और प्रारम्भिक बिट Start Bit लगा दी जाती है जिसका उद्देश्य प्राप्तकर्ता को प्रत्येक बाइट के आरंभ और समाप्त होने के बारे में सूचना देना है | इसमें डेटा स्थानान्तरण बाइट के रूप में होता है |

तुल्यकालिक अथवा समकालिक संचार (Synchronous Transmission) –

तुल्यकालिक अथवा समकालिक संचार में डाटा फ्रेम के रूप में होता है जो जी विभिन्न बाइटो के समूहों से बना होता है प्राप्तकर्ता इस फ्रेम से बाइट को अलग कर लेता है |

लाभ (Advantages)

  • यह डाटा ट्रांसफर करने का एक सस्ता तरीका(cheap mode) है।
  • यह लंबी दूरी पर डाटा संचारित (transmit data) करने के लिए उपयुक्त है।

नुकसान (Disadvantage):

  • यह विधि कुशल (efficient) नहीं है धीमी है क्योंकि यह श्रृंखला में डाटा स्थानांतरित(transfers data in series) करता है।

Supercomputers में कोन सा Operating System इस्तमाल होता है?

आपको ये जानकर आश्चर्य हो सकता है की supercomputers को run करने के लिए ordinary operating systems का ही इस्तमाल होता है जिसे हम अपने PC को चलाते हैं, लेकिन ये हम जानते ही हैं की ज्यादा modern supercomputer actual में off-the-self computers और workstations के cluster होते हैं.

कुछ वर्षों पहले तक operating system के हिसाब से Unix का इस्तमाल किया जाता था वहीँ अभी उसके बदले में Linux का इस्तमाल होता है. जो की open-source होता है. चूँकि supercomputers generally scientific problems के ऊपर काम करते हैं, इसलिए उनके application programs को traditional scientific programming languages जैसे की Fortran, या ज्यादा popular modern languages जैसे की C और C++ में लिखा जाता है.

Supercomputers कितने powerful होते हैं?

अगर हम normal computers की बात करें तब उनके computing speed को मापने के लिए MIPS (million instructions per second) का इस्तमाल किया जाता है. जिसके द्वारा fundamental programming commands जैसे की read, write, store इत्यादि को processor के द्वारा manage किया जाता है. दो computers को compare करने के लिए उनके MIPS को compare किया जाता है.


लेकिन वहीँ Supercomputers को rate करने का तरीका थोडा अलग होता है. चूँकि इसमें ज्यादातर scientific calculations किये जाते हैं, इसलिए इन्हें floating point operations per second (FLOPS) के द्वारा मापा जाता है. चलिए इसी FLOPS के अनुसार बनाये गए list को देखते हैं.
UnitFLOPSExampleDecade
Hundred FLOPS100 = 10 power 2Eniac~1940s
KFLOPS (kiloflops)1 000 = 10 power3IBM 704~1950s
MFLOPS (megaflops)1 000 000 = 10 power 6CDC 6600~1960s
GFLOPS (gigaflops)1 000 000 000 = 10 power 9Cray-2~1980s
TFLOPS (teraflops)1 000 000 000 000 = 10 power 12ASCI Red~1990s
PFLOPS (petaflops)1 000 000 000 000 000 = 10 power 15Jaguar~2010s
EFLOPS (exaflops)1 000 000 000 000 000 000 = 10 power 18?????~2020s

IIT-BHU को मिला देश में बना पहला सुपर कंप्‍यूटर ‘परम शिवाय’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने वाराणसी दौरे पर आईआईटी बीएचयू में 833 टेराफ्लॉप सुपर कंप्‍यूटर का लोकार्पण किया। बता दें कि इस कंप्यूटर को पूरी तरह से भारत में ही बनाया गया है। इस कंप्यूटर के आ जाने से डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया योजना एक नए मुकाम पर पहुंच गई। इस कंप्यूटर की गैरमौजूदगी में जिस रिसर्च को पूरा करने में महीनों का वक्‍त लगता था, उसे इसकी मदद से कम ही समय में पूरा कर लिया जाएगा।

डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए राष्‍ट्रीय सुपर कंप्‍यूटिंग मशीन (एनएसएम) के तहत यह सुविधा आईआईटी बीएचयू में शुरू की गई है। आईआईटी के निदेशक प्रफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि सेंटर फॉर डिवलेपमेंट ऑफ अडवांस कंप्‍यूटिंग (सी-डैक) ने एनएसएम श्रृंखला के तहत 833 टेराफ्लॉप क्षमता का प्रथम सुपर कंप्‍यूटर ‘परम शिवाय’ का निर्माण किया है।

परम सीरीज का इतिहास 

परम 8000

1991 में जारी परम 8000 में इनमोस टी800 ट्रांसप्यूटर का इस्तेमाल किया गया था। ट्रांसप्यूटर में समानांतर प्रसंस्करण के लिए एक नए और अभिनव माइक्रोप्रोसेसर को डिज़ाइन किया गया था। यह एक परिवर्ती विन्यास, इंटरकनेक्शन नेटवर्क के साथ एक वितरित स्मृति एमआईएमडी वाला आर्किटेक्चर था। इसमे जर्मनी, ब्रिटेन और रूस को निर्यात 64 सीपीयू थे

परम 8600

परम 8600 ,परम 8000 पर एक सुधार था। यह एक 256 सीपीयू का कंप्यूटर था। हर चार Inmos T800 के लिए, इसमें एक इंटेल i860 को-प्रोसेसर लगा था। इसका परिणाम वेक्टर प्रोसेसिंग में पीक 5 GFLOPS निकला। इन मॉडलों में कई को निर्यात किया गया।

परम 9900 / एस एस

परम 9900 / एस एस को एक एमपीपी प्रणाली होने के लिए डिजाइन किया गया था। इसमें SuperSPARC 2 प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया। डिजाइन को मॉड्यूलर करने के लिए बदला गया ताकि नए प्रोसेसर आसानी से शामिल किये जा सकें। आमतौर पर, इसमें 32-40 प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया लेकिन, Clos नेटवर्क टोपोलॉजी का उपयोग कर इसे 200 सीपीयू बढ़ाया जा सकता था। परम 9900 / यु एस, UltraSPARC संस्करण था और परम 9900 / एए एक डीईसी अल्फा संस्करण था।

परम 10000

1998 में, परम 10000 का अनावरण किया गया था। परम 10000 कई स्वतंत्र नोड्स का प्रयोग करता था, प्रत्येक सन एंटरप्राइज़ 250 सर्वर पर आधारित थे और प्रत्येक सर्वर में दो 400 MHz UltraSPARC 2 प्रोसेसर लगे थे। बेस कॉन्फ़िगरेशन में तीन कंप्यूट नोड्स और एक सर्वर नोड था। इस आधार प्रणाली की अधिकतम गति 6.4 GFLOPS थी। एक टिपिकल प्रणाली में 160 सीपीयू शामिल होते और 100 GFLOPS तक सक्षम हो सकती थीलेकिन, यह आसानी से TFLOP श्रृंखला के लिए स्केलेबल था। रूस और सिंगापुर को इसका निर्यात किया गया।

परम पद्म

परम पद्म (पद्म मतलब संस्कृत में "कमल') अप्रैल 2003 में पेश किया गया था। यह 1024 GFLOPS (लगभग 1 TFLOP) की पीक स्पीड और 1 टीबी की पीक स्टोरेज से युक्त था। इसमें 1 गीगाहर्ट्ज के 248 आईबीएम Power4 सीपीयू का इस्तेमाल किया गया। ऑपरेटिंग सिस्टम आईबीएम AIX 5.1L था। इसने अपने प्राथमिक इंटरकनेक्ट के रूप में PARAMnet 2 का इस्तेमाल किया। यह पहला भारतीय सुपर कंप्यूटर था जिसने 1 TFLOP की सीमा को पार किया था।

परम युवा

परम युवा, नवंबर 2008 में पेश किया गया था। इसकी अधिकतम सस्टेनेबल स्पीड (Rmax) 38.1 TFLOPS की है और पीक स्पीड (Rpeak) 54 TFLOPS की है।इसमें 4608 कोर हैं जो 2.9 GHz के इंटेल 73XX पर आधारित हैं। इसकी स्टोरेज क्षमता 25 टीबी से 200 टीबी तक है। यह प्राइमरी इंटरकनेक्ट के रूप में PARAMnet 3 का उपयोग करता है।

आगे के विकास

जुलाई 2009 में यह घोषणा की गई है कि सी-डैक एक नए उच्च गति परम को विकसित कर रहा था। 2012 तक इसके अनावरण की अपेक्षा थी और 1 PetaFLOPS की सीमा को तोड़ने की उम्मीद थी। नवंबर 2014 में यह बताया गया है कि भारत सबसे तेज सुपर कंप्यूटर जिसकी स्पीड 132 ExaFLOPS होगी पर काम कर रहा है।

परम युवा द्वितीय

परम युवा द्वितीय ₹ 16 करोड़ (US $ 2 मिलियन) की लागत से तीन महीने की अवधि में सी-डैक द्वारा विकसित किया गया था, और इसका अनावरण 8 फरवरी 2013 को किया गया। यह 524 TeraFLOPS पर कार्य करता है पर खपत में परम युवा की तुलना में 35% कम ऊर्जा खर्च करता है। इसने समुदाय मानक लिन्पैक बेंचमार्क पर 360.8 TeraFLOPS का निरंतर प्रदर्शन किया और इसे टॉप500, नवंबर 2012 की रैंकिंग सूची में 62 वां स्थान दिया गया है। बिजली क्षमता के संदर्भ में, यह नवंबर 2012 तक विश्व की शीर्ष ग्रीन500 सुपर कंप्यूटर की सूची में 33 वें स्थान पर था। यह पहला भारतीय सुपर कंप्यूटर है जिसने 500 से अधिक TeraFLOPS की गति प्राप्त की है।

परम युवा 2 को जैव सूचना विज्ञान, मौसम पूर्वानुमान, भूकंप डेटा विश्लेषण, एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, वैज्ञानिक डाटा प्रोसेसिंग और दवा के विकास के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी जैसे शैक्षिक संस्थानों को राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है। यह कंप्यूटर भारत में भविष्य के PetaFLOP-रेंज के सुपर कंप्यूटर के निर्माण की दिशा में एक कदम है

दुनिया के Top 5 Fastest Supercomputers कोन से है?

सभी देशों में computing power को लेकर काफी competition होती है, की कोन सबसे आगे हो सके लेकिन top का स्थान तो एक ही होता है. Supercomputing में Peak performance हमेशा बदलता रहता है. यहाँ तक की supercomputer के definition में भी लिखा हुआ है की यह एक ऐसा machine होता है “ जो की हमेशा अपने highest operational rate में ही कार्य करता है.”

Competition के होने से ये supercomputing को और ज्यादा रोचक बनाती है, जिससे scientists और engineers हमेशा बेहतर से बेहतर computational speed के ऊपर अपनी research जारी रखते हैं. तो चलिए जानते हैं दुनिया के top 5 supercomputers कौन-कौन से हैं.

1. Sunway TaihuLight (China)
2. Tianhe-2 (China)
3. Piz Daint (Switzerland)
4. Gyoukou (Japan)
5. Titan (United States)

भारत के सुपर कंप्यूटर का नाम

क्या आप जानते है भारत के प्रथम सूपरकंप्यूटर परम 8000 का शुभारंभ कब हुआ? 1991 में India में इसे आरम्भ किया गया था. हमारा देश भारत में भी कुछ supercomputers है. चलिए भारत के सुपर कंप्यूटर का नाम जानते है.
  • SahasraT (Cray XC40)
  • Aaditya (IBM/Lenovo System)
  • TIFR Colour Boson
  • IIT Delhi HPC
  • Param Yuva 2

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