ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है और कैसे काम करता हैं ? What is Operating System and How its Work

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है और कैसे काम करता हैं ?

ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) क्‍या होता है इसके बारे में तो आप जान ही चुके हैं, आपको बता दें कि कंप्‍यूटर के स्‍टार्ट होने के उसके शटडाटन होने तक कंप्‍यूटर (Computer) की सभी आंतरिक गतिविधियों की जिम्‍मेदारी ऑपरेटिंग सिस्‍टम की होती है, इसमें ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) ढेरों काम करता है तो आईये जानते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य - Work of Operating System in Hindi



ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है (What is Operating System in Hindi)

Operating System अथवा “OS” एक Software है, जो user और computer के बीच Interface के रूप में कार्य करता है | अर्थात computer hardware और application program को manage करता है | बिल्कुल आसान शब्दों में ये वो सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जो आपको computer के साथ communicate करने में मदद करता है बिना computer language को सीखे |

एक operating system का उद्देश्य computer के इस्तेमाल को convenient और efficient बनाना है | उपयोगकर्ता द्वारा किसी भी कंप्यूटिंग डिवाइस (Desktop, Laptop, Mobile, Tablet etc |) में अन्य प्रोग्राम को चलाने के लिए operating system की आवश्यकता होती है | कुछ जाने पहचाने OS के उदाहरण जिनमे Windows, Android, iOS, macOS, Linux, Chrome OS और Windows Phone OS शामिल है |

विशेष रूप से एक operating system का कार्य उपयोगकर्ता को hardware complexity से बचाना और computational resources को manage करना है | OS concept को पहली बार 1950 के दशक में tap storage को manage करने के लिए लाया गया था | Operating System को निम्नलिखित Definition से भी समझा जा सकता है:


ऑपरेटिंग सिस्टम एक program है, जो computer पर hardware और अन्य software को maintain और manage करता है |

OS एक System software है, जिसकी मदद से उपयोगकर्ता कंप्यूटर को आसान और बेहतर तरीके से उपयोग कर पाते है |

यह एक प्रकार का विशेष software है, जो कंप्यूटर में उपलब्ध सभी programs के execution को नियंत्रित और मॉनिटर करता है | इन प्रोग्राम में application program और अन्य system software शामिल है |

Operating system एक कंप्यूटर सिस्टम के भीतर सबसे बुनियादी प्रोग्राम है, जो input/output और memory allocation जैसे हार्डवेयर कार्यो के लिए, program और computer hardware के बीच intermediary के रूप में काम करता है |

ओएस C |P |U के संचालन की निगरानी करने वाले प्रोग्रामों की एक एकीकृत प्रणाली (integrated system) है | ये प्रणाली कंप्यूटर के इनपुट/आउटपुट और स्टोरेज फंक्शन को नियंत्रित करने के साथ विभिन्न सहायता सेवाएं प्रदान करती है |

ऑपरेटिंग सिस्टम लिस्ट

अलग अलग कार्य के लिए अलग अलग ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तिमाल किया जाता है | यहाँ आपको ऑपरेटिंग सिस्टम लिस्ट शेयर किया हूँ, जो ज्यादातर लोग इस्तिमाल करना पसंद करते है |
  • Microsoft Windows
  • Google’s Android OS
  • Apple iOS
  • Apple macOS
  • Linux Operating System
ये सब बहुत बड़े बड़े ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण | वैसे तो इनके अन्दर बहुत सारे अलग अलग ना आते है, पर ज्यादातर लोग इनको इन्ही नामो से जानते है |

Operating System की Importance

निम्नलिखित बिंदु जो ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता को दर्शाते हैं:


1) कंप्यूटर में एक समय मे एक से अधिक computer program चल रहे होते है, और उन सभी को आपके कंप्यूटर की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू), मेमोरी और स्टोरेज की आवश्यकता होती है | ऑपरेटिंग सिस्टम उन सभी programs के लिए resources का management करता है | इसीलिए operating system को resources manager भी कहा जाता है |

2) एक उपयोगकर्ता के लिए कंप्यूटर सिस्टम को बिना किसी operating system के इस्तेमाल करना लगभग असंभव है, क्योंकि एक program को execute करने पर कई process एक साथ चलती है | जिसे manage करना एक इंसान के लिए आसान नही है |

3) OS, user और computer के बीच एक communication link बनाता है, ताकि उपयोगकर्ता किसी भी application program को ठीक से चला पाये और उसे आवश्यक आउटपुट प्राप्त हो सके |

4) आप अपने माउस का इस्तेमाल application को खोलने तथा menu पर क्लिक करने के लिए करते है | यह सब आधुनिक operating system की बदौलत संभव है | ये ओएस, GUI (Graphical user interface) की मदद से आपको ऐसा करने की अनुमती देते है |

5) Operating system, उपयोगकर्ता को file management में मदद करता है | इसके द्वारा यूजर अपनी जरूरतों के अनुसार डेटा को व्यवस्थित तरीके से सेव कर सकता है |

6) Multitasking, ऑपरेटिंग सिस्टम की एक बेहद महत्वपूर्ण विशेषता है | इसकी मदद से हम कई program को एक समय मे चला पाते है |

7) कंप्यूटर में किसी भी application program को चलाने के लिए OS एक platform प्रदान करता है | जिसके कारण हम उस एप्लीकेशन की मदद से अपने कार्य को कर पाते है |

इसके अलावा भी OS की कई ऐसी विशेषताएं है, जिनके कारण हम आधुनिक तकनीकों के फायदे ले पा रहे है | तो चलिए अब operating system के कुछ महत्वपूर्ण functions पर एक नजर डालते है |

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार – Types Of Operating System in Hindi

दिन प्रतिदिन Technology बदलती जा रही है और इसके साथ सब कुछ बदल रहा है तो वैसे ही Operating System का उपयोग हर Field में बढ़ते जा रहा है जैसे रेलवे, Research, Satellite, Industry तो जानते है Operating System कितने प्रकार के हैं |
  1. Batch Operating System
  2. Simple Batch Operating System
  3. Multiprogramming Batch Operating System
  4. Network Operating System
  5. Multiprocessor Operating System
  6. Distributed Operating System
  7. Time-Sharing Operating System
  8. Real-Time Operating System
1) Batch Processing Operating System

पहले ज़माने के problems को दूर करने के लिए ही batch processing operating systems को लाया गया | अगर हम पहले के systems की बात करें तब उसमें ज्यादा setup time लगता था |

वहीँ इस ज्यादा set up time का कम कर दिया गया इस batch processing systems में जहाँ की jobs को process किया जाता है batches में | वहीँ इस प्रकार के operating system को batch processing operating system in Hindi कहा जाता है |

इसमें जो भी similar jobs हो उन्हें CPU को submit कर दिया जाता है processing के लिए और उन्हें एक साथ run किया जाता है |

Batch Processing System का main function होता है की वो jobs को batch में automatically ही execute करें | इस काम में जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य करता है वो होता है ‘Batch Monitor’ जो की main memory के low-end में स्तिथ होता है |

i) Simple Batch System

ये सबसे पुराने वाले system है जिसमे कोई Direct interaction नहीं था user और Computer के बिच में | इस system में user को Task या job को Process करने के लिए कोई Storage Unit में लेके आना पड़ता था और उसको Computer operator के पास submit करना पड़ता था |

इसमें बोहत सारे जॉब्स को एक batch या line में Computer को दिया ज्याता था | कुछ दिनों के अंदर या फिर कुछ महीनो के अंदर वो job Process होती थी और एक output Device में Output Store होता था | ये system jobs को batch में Process करता था इसलिए इसका नाम भी batch mode operating system बोला ज्याता था |

ii) MultiProgramming Batch Systems

इस operating system में memory से एक job को उठाया ज्याता था और उसको Execute किया ज्याता है | जो OS एक job को Process करता रहता है, अगर उसी दोरान job को i/o चाहिए तो OS दुसारे job को CPU को दे देता है और पहली वाले को i/O इस वजह से CPU हमेसा busy रहता है |

Memory में जितने jobs रहते है वो हमेसा disk में जितने Jobs है उनसे कम होते हैं | अगर बोहत सारे jobs line में रहती हैं तो Operating system decide करता है कोनसी job पहले Process होगी | इस OS में CPU कभी बी Idle होके नहीं रहता |

Time Sharing system भी Multiprogramming system का हिसा है | Time Sharing System में Response Time काफी कम होता है लेकिन Multi programming में CPU usage ज्यादा होता है |

Disadvantages

1) User और Computer के बिच में कोई direct interaction नहीं |

2) जो job पहले आता है वो job पहले Process होता है, इसलिए user को ज्यदा इंतजार करना पड़ता था |

2) Network Operating System


इसकी abbreviation होती है NOS, NOS का full form होता है “Network Operating System” | ये network operating system उन computers को अपना services प्रदान करता है जो की एक network से connected होते हैं.

इनकी यदि उदहारण दी जाये तब इसमें आते हैं shared file access, shared applications, और printing capabilities |

NOS एक ऐसा प्रकार का software होता है जो की allow करता है multiple computers को एकसाथ communicate करने के लिए, files share करने के लिए और दुसरे hardware devices के साथ भी |

पहले ज़माने के Microsoft Windows और Apple operating systems को design नहीं किया गया था एक single computer usage और network usage के लिए | लेकिन जैसे जैसे computer networks धीरे धीरे बढ़ने लगे और उनका इस्तमाल भी बढ़ने लगा, और इस प्रकार के operating systems भी develop होने लगे |

एक NOS (Network Operating System in hindi) के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं : –

Peer-to-peer (P2P) OS, जिन्हें की प्रत्येक computer में install किया जाता है | वहीँ दूसरा होता है एक client-server model, जिसमें की एक machine होता है server और दुसरे में client software install हुआ होता है |

Network Operating System के प्रकार

Network Operating System के प्रकार की बात की जाये तब ये मुख्य रूप से दो basic types के होते हैं, peer-to-peer NOS और client/server NOS:

1 | Peer-to-peer network operating systems users को allow करता है network resources को share करने के लिए जो की saved होते हैं common, accessible network location में | इस architecture में, सभी devices को equally treat किया जाता है functionality के हिसाब से |

Peer-to-peer सबसे बढ़िया काम करता है छोटे से लेकर medium LANs में, साथ में इन्हें set up करना भी बहुत सस्ता होता है |

2 | Client/server network operating systems users को प्रदान करता है सभी resources को access करने के लिए एक server के माध्यम से | इसके architecture में, सभी functions और applications को unify किया जाता है एक file server के अंतर्गत जिसका इस्तमाल की individual client actions के द्वारा execute किया जा सके वो भी किसी भी physical location में क्यूँ न हो |

Client/server को install करना बहुत कठिन है, वहीँ इसमें ज्यादा मात्रा की technical maintenance की जरुरत होती है | और तो और इसमें ज्यादा खर्चा भी होता है |

इसकी सबसे बड़ी advantage ये हैं की इसमें network को centrally control किया जाता है, जिससे इसमें कोई भी बदलाव आसानी से किया जा सकता है वहीँ additional technology को भी incorporate किया जा सकता है |

एक network operating system को हम दर्शा सकते हैं एक basic OS के तोर पर जो की run करती है एक network device, जैसे की router या firewall |

3) Multiprocessor System

Multiprocessor system में बोहत सारे Processors एक Common Physical Memory का इस्तेमाल करते है | Computing power काफी तेज होता है | ये सारे Processor एक Operating system के under काम करते हैं | यहाँ पे निचे कुछ इसके Advantages दिए गए हैं

Advantages

1) रफ़्तार खूब ज्यादा क्यूंकि Multiprocessor का इस्तेमाल होता है |

2) बहुत सारे Task अगर एक साथ Process होते हैं इसलिए यहाँ पे System Throughput बढ़ जाता है | जिसका मतलब है, एक Second में कितने job Process हो सकते हैं |

3) इस OS में Task को sub Task में Divide किया ज्याता है, और हर एक Sub Task को अलग अलग Processor को दिया ज्याता है, ख़ास इसी वजह से एक Task काफी कम वक्त में Complete हो जाता है |

4) Distributed Operating System


Distributed Operating system इस्तेमाल करने का एक ही मकसद यह है की ,ये दुनिया के पास powerful OS है और microprocessor काफी सस्ते हो गए हैं, साथ ही Communication Technology में काफी सुधार है |

इस advancement की वजह से अब Distributed OS को बनाया गया जिसका दाम काफी सस्ता होता है और दूर दूर वाले Computer को network के जरिये रोक के रखता है | जो की अपने आप में ही एक बड़ी उपलब्धि है |

Advantages

1) जितने भी दूर दूर के Resources हैं उनको आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसे Resources खाली नहीं रहते |

2) इनसे Processing Fast होती है |

3) जो Host machine है उसके उपर Load कम होता है, क्यूंकि Load Distribute हो ज्याता है |

5) Time Sharing Operating System


इसमें प्रत्येक काम को सही ढंग से पूर्ण करने के लिए OS के द्वारा कुछ समय प्रदान किया जाता है, जिससे की प्रत्येक task सही ढंग से पूर्ण हो सके | वहीँ इसमे हर यूजर सिंगल सिस्टम का इस्तेमाल करता है जिससे CPU को टाइम दिया जाता है | इस प्रकार के सिस्टम को Multitasking सिस्टम भी बोला जाता है |

वहीँ इसमें जो भी टास्क होता है वो या तो single user से हो सकता या फिर multi user से भी हो सकता है |

प्रत्येक task को पूर्ण करने के लिए जितना समय लगता है उसे quantum बोलते है | वहीँ हर टास्क को पूर्ण करने के बाद ही OS फिर अगले टास्क को शुरू कर देता है |

Advantages
  • चलिए time-sharing operating system के advantages के विषय में जानते हैं |
  • इसमें OS प्रत्येक task को पूरा करने के लिए बराबर मौका दिया जाता है |
  • इसमें Software की duplicasy होना सहज काम नहीं है | जो की न के बराबर होता है |
  • आसानी से इसमें CPU idle time को कम किया जा सकता है |
Disadvantages
  • चलिए time-sharing operating system के disadvantages के विषय में जानते हैं |
  • Reliability का issue इसमें ज्यादा देखने को मिलते हैं |
  • इसमें सभी चीज़ों के security और integrity का ख्याल रखना पड़ता है |
  • Data Communication का issue इसमें एक common problem होता है |
  • Time-sharing, operating system के उदाहरण हैं:- Unix
6) Real-Time Operating System

ये सबसे Advance Operating System है, जो की real-time Process करता इसका मतलब है Missile, Railway ticket Booking, Satellite छोड़ते वक्त इन सब में अगर एक Second की भी देरी सबकुछ गया पानी में तो इस Operating System बिलकुल भी Idle नहीं रहता |

ये वैसे दो प्रकार के होते है,

1 | Hard Real-Time Operating System

ये वो operating system है जो की जिस वक्त के अंदर Task Complete करने का वक्त दिया ज्याता है उसी वक्त के अंदर काम ख़तम हो ज्याता है |

2 | Soft Real-Time

Soft Real-Time में वक्त की पाबन्दी थोड़ी कम होती इसमें होता क्या है अगर एक Task चल रहा है और उसी वक्त कोई दूसरा Task आजाये तो नए Task को पहले Priority दिया ज्याता है | ये कुछ जानकारी थी Types Of Operating system in Hindi | इस से पहले आप जान चुके हो what is Operating System in Hindi |

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