UPS क्या है और कैसे काम करता है ? What is UPS and How its works?
Hello friends आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग हिंदी ब्लॉग हेल्प्स पर और आज हम बात करने वाले है की UPS क्या है ? कैसे काम करता है, तो अगर आपको भी नहीं पता UPS के बारे में तो हमारा ब्लॉग अंत तक जरूर पढ़े। तो चलिए बिना देर किया शुरु करते हैं हमारा आज का आर्टिकल।
यूपीएस क्या है – What is UPS in Hindi
दोस्तों यूपीएस का फुल फॉर्म Uninterruptible Power Supply होता है | किसी भी कंप्यूटर में हम Alternative power source के रूप में यूपीएस को प्रयोग करते हैं | यूपीएस कंप्यूटर सिस्टम को अचानक से पावर बंद होने पर पावर सप्लाई करता है | यूपीएस में कई इलेक्ट्रिकल पार्ट्स के साथ-साथ बैटरी भी जोड़ी जाती है |
यानी कि यूपीएस का उपयोग तब होता है जब किसी भी डिवाइस में इलेक्ट्रिकल सप्लाई अचानक से बंद हो जाती है | आपकी जानकारी के लिए बता दें आपको बाजारों में कई सारे प्रकार की और कई बड़े साइज के यूपीएस उपलब्ध हो जाएंगे जिनकी पावर कैपेसिटी 24 घंटों से 48 घंटों तक भी हो सकती है |
अगर इसे दूसरे सरल शब्दों में समझें तो दोस्तों यूपीएस मूल रूप से बैटरी के साथ एक इनवाइटर होता है | जिसका प्रयोग इलेक्ट्रिकल डिवाइस जैसे कि कंप्यूटरों आदि के लिए बैटरी बैकअप प्रदान करने के लिए किया जाता है | कई प्रकार के यूपीएस वोल्टेज रेगुलेशन के साथ भी आते हैं | यूपीएस बैटरी को चार्ज करता है और अचानक से पावर सप्लाई बंद होने पर सिस्टम को इलेक्ट्रिकल बैकअप देता है |
यूपीएस का फुल फॉर्म – UPS Full From in Hindi
Uninterruptible Power Supply
Or
अविच्छिन्न ऊर्जा आपूर्ति
यूपीएस के प्रकार – Types of UPS in Hindi
यूपीएस के बहुत सारे प्रकार उपलब्ध है | लेकिन नीचे हमने कुछ खास प्रकार के यूपीएसो का वर्णन किया है |
- Standby UPS
- Line Interactive UPS
- Standby Online Hybrid UPS
- Standby UPS
Standby UPS एक सामान्य प्रकार का UPS होता है जो कि आपको अपने पर्सनल कंप्यूटरों में देखने को मिलता है | स्टेबल यूपीएस का प्रयोग तब किया जाता है जब सिस्टम में पावर बंद हो जाए | पावर बंद होने पर Standby UPS कंप्यूटर में Consumed power को Supply करता है |
Line Interactive UPS
Line Interactive UPS एक Designing UPS है | जिसका इस्तेमाल बिजनेस, वेब और सर्वर में किया जाता है इसमें एसी पावर कन्वर्टर को UPS के आउटपुट के साथ जोड़ा जाता है | इस यूपीएस को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से प्रयोग किया जाता है |
इस प्रकार के यूपीएस का उपयोग छोटे व्यवसाय में अधिक होता है | जब सिस्टम में इनपुट पावर नहीं जा पाती है तो ट्रांसफर स्विच खोलकर इन यूपीएसओ की मदद से सिस्टम में पावर को Supply किया जाता है |
Standby Online Hybrid UPS
Standby Online Hybrid को on-line ups भी कहते हैं | इस प्रकार की यूपीएसयू का इस्तेमाल 10 kva के अंतराल में किया जाता है | यानी कि इस प्रकार के यूपीएसओ में हाइब्रिड 10 kva ही इस्तेमाल किया जाता है | इन यूपीएसओ में बैटरी के साथ स्टैंडबाय कन्वर्टर स्विच On किया जाता है | इसमें बैटरी को चार्ज करने वाला चार्जर Line Interactive UPS की तुलना में बहुत छोटा होता है।
UPS के कुछ महत्वपूर्ण Parts in Hindi
यदि हम UPS के महत्वपूर्ण parts की बात करूँ तब इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित parts होते हैं, जिनके विषय में हम आगे चलकर details में जानेंगे :
• Rectifier (Battery Charger)
• Static By Pass or Switch or Contactor
• Battery
• Inverter
Rectifier:
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि rectifier का मुख्यt फंक्शबन AC को DC में कन्वiर्ट करना हैं। इसे बैटरी चार्ज करने के लिए इस्तेeमाल किया जाता हैं और यह इन्वशर्टर सर्किट में फिड़ होता हैं। इसका आउटपूट, लोड की आवश्यकता पर निर्भर करता है।
इस rectifier का मुख्य दो main functions हैं | पहला ये की इसका इस्तमाल batteries को charge करने के लिए होता है, जिससे की batteries हमेशा proper float voltage में रहे |
जहाँ कुछ manufacturers batteries को just trickle charge करते हैं उन्हें proper float voltage में रखने के लिए | वहीँ कुछ manufacturers और ज्यादा sophisticated method (three steps) का इस्तमाल करते हैं जिसमें पहले fast charge होता है 90% तक, उसके पश्चात slow charge होता है 100% तक, और finally एक turn off charger एक बार ये batteries fully charged हो गए तब |
वहीँ इसका जो दूसरा काम है वो ये की rectifier का इस्तमाल incoming power को A/C से D/C में convert करने के लिए किया जाता है |
Static Bypass:
प्राय सभी online UPS में एक internal static bypass circuit मेह्जुद रहता है जो की एक first line of defense के तरह काम करता है जब भी आप कभी UPS system के भीतर failure experience करें तब |
जब भी कभी system failure होता है तब ये static bypass automatically circuit को बंद कर देता है और आ रहे incoming power को rectifier, batteries और inverter की और divert करता है जिससे ये load को utility grade power (unconditioned) directly कर सके |
माना की ये conditioned power नहीं है, लेकिन फिर भी ये आपके systems को ठीक तरीके से functioning करने में सहायक होता है यदि कभी UPS की internal components fail हो जाते हैं तब |
Battery:
किसी भी UPS System का heart होता है ये Battery | ये Batteries का इस्तमाल मुख्य रूप से energy store करने के लिए किया जाता है | यादो कभी भविष्य में मुख्य power fail हो जाता है तब इन batteries का उपयोग किया जाता है | ये batteries में मुख्य रूप से Lead और acid का इस्तमाल होता है | और ये acids में हमेशा reactions चलते रहते हैं |
इन batteries की भी आयु होती है और कुछ वर्षों के बाद इन्हें भी बदलना पड़ता है | Batteries का age 4 से 6 सालों तक का होता है | इन batteries का ख़ास ख्याल रखना पड़ता है और इसमें समय समय पर Distilled पानी भरना होता है जिससे इसमें चल रहे reaction को होने में मदद मिलती है |
Inverter:
ये Inverter UPS System का final और main हिस्सा होता है | यह rectifier के process के ठीक उल्टा कार्य करता है | मतलब की ये लोड के उपयोग के लिए आनेवाले DC supply को AC में convert करता हैं | ये D |C buss से D/C को accept करता है और उसे आगे rectifier और battery को supply करता है |
यदि कभी Power Failure होता है तब rectifier और current प्रदान नहीं कर सकता है D/C buss को जिससे केवल पुरे system को power केवल batteries ही प्रदान करता है | ये batteries D/C buss को तब तक power प्रदान करते रहते हैं जब तक की वो deplete न हो जायें |
एक बार batteries deplete हो जायें तब system jeopardy के स्थिति में पहुँच जाता है और external power source की तलाश में रहता है | जहाँ पर बहार से power generator के मदद से प्रदान किया जाता है |
Inverter का output साइनवेव होता हैं | यह D |C | को constant frequency और amplitude के A |C में convert करता हैं |
Main Power Supply की क्या समस्यें होती हैं :
- Mains power supply में बहुत प्रकार के interruptions अलग अलग form में होते रहते हैं | ये fluctuations हमारे sensitive electronic equipment और data को नुकशान पहुंचा सकते हैं | इसलिए सबसे अच्छा solution है की UPS का इस्तमाल किया जाये | चलिए कुछ ऐसे ही corruptions के विषय में जानते हैं :
- Voltage Fluctuations: Mains power supply में, अक्सर voltage बढती है या फिर कमती है, rated voltage की तुलना में | उदहारण के लिए हमारे घरों में voltage fluctuates होती है 210 Volts से 240 volts तक |
- ये fluctuations को देखने के लिए हम digital voltmeter का इस्तमाल कर सकते हैं | जितनी ज्यादा ये fluctuations होगी ये उतनी ही ज्यादा damage हमारे devices को कर सकती हैं |
- Transient Impulses: Alternating supply की original sine wave बड़ी आसानी से disturb हो सकती है किसी भी कारण के लिए जिसके चलते amplitude में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है | इन्ही disturbances को Transient Impulses भी कहा जाता है |
- Amplitude की instant increase को spike कहते हैं और instant decrease को notch कहा जाता है |
- Voltage Surges: जब हम एक heavy load को power supply के साथ connect करते हैं, तब पुरे system का voltage कुछ समय के लिए increase या decrease हो सकता है | इसी variations को Voltage Surges कहा जाता है |
- Noise: Alternating Sine Wave में distortion जो की कम समय के लिए आता है उसे Noise कहा जाता है | इनके उत्पत्ति का मुख्य कारण है Radiऔर TV transmission, या poor grounding भी | Noise data और equipment को damage पहुंचा सकती है |
- Frequency Variation: अगर load में instantaneously change दिखाई पड़ा तब इससे supply’s frequency में variation पैदा हो सकती है जिससे ये data को नुकसान पहुंचा सकती है |
- Black Outs: किसी भी कारण के लिए अगर mains power supply में अगर Instant failure दिखाई पड़ा तब इसे black outs कहा जाता है | ये equipments के लिए सही नहीं है |
- Brown Outs: Power के overloading होने के कारण अगर Planned power cuts होते हैं तब उसे brown outs कहा जाता है।
UPS काम कैसे करता है
UPS Computer को 5 तरीको से सुरक्षा प्रदान करता है जैसे कि -
- Voltage Surges and Spikes
- Voltage Sags
- Totals Power Failure
- Frequency Difference
- Voltage Surges and Spikes
Computer में Electrical का प्रवाह कई बार बहुत ज्यादा होता है तो उस वक़्त UPS Electrical के उस प्रवाह को सहन करके Computer तक उचित Electrical प्रवाहित करता है |
Voltage Sags
बहुत सी बार ऐसा भी होता है कि जब Electrical का प्रवाह कम होता है और वो आपके Computer के काम करने के लिए Suitable नही होता है | UPS क्योकि एक ऐसी Machine है जो आपके Computer को Electrical Power Supply करता है तो उस Situation में भी ये आपके Computer को उचित Electrical बना कर प्रवाहित करता है |
Totals Power Failure
UPS का उपयोग इसीलिए किया जाता है कि अचानक Electrical पॉवर के चले जाने के बाद आपको इतना समय मिल सके कि आप अपने Data को Save कर सको |
Frequency Difference
दोस्तों कभी कभी Electrical कम या ज्यादा हो जाती है इसी को Power Oscillation कहते है जिसका मतलब होता है कि विधुत पॉवर का कम या ज्यादा होते रहना | इस Situation में Computer को सबसे ज्यादा हानि पहुँच सकती है | इस Situation मे Computer का Motherboard भी ख़राब हो सकता है साथ ही Computer की Display भी ख़राब हो सकती है | लेकिन अगर आप Computer मे UPS का उपयोग करते हो तो UPS Computer को इस तरह के सभी नुकसान से Safe रखता है |
भारत के प्रमुख कंप्यूटर यूपीएस निर्माता
APC
Microtek
Intex
Circle Power backup
Artis UPS
Zebronics
Luminous UPS
V-GUARD
iBall Nirantar UPS
UPS के क्या हानि हैं :
– Start Up Cost – अगर आप Standby UPS का इस्तेमाल करना चाहते हो तो ये आपको काफी महंगा पड़ता है | इसका मतलब है की शुरुवात में UPS की installation cost थोड़ी ज्यादा होती है |
– Infrastructure – Infrastructure के हिसाब से UPS का इस्तेमाल होता है | इसलिए जितनी बड़ी infrastructure है उतनी ही बड़ी और ज्यादा battery का इस्तमाल होता है |
– Maintenance Cost – UPS की बैटरी बहुत समय के लिए काम नही करती और कुछ समय के बाद ख़राब हो जाती है जिसके बाद आपको इसकी पुरानी बैटरी को पूरी तरह से बदल कर एक नयी बैटरी का इस्तेमाल करना होता है | इसके साथ समय समय पर इस battery को maintenance की भी जरुरत होती है |
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