रैम क्या है और कैसे काम करता है और इसके प्रकार।
Hello friends आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग हिंदी ब्लॉग हेल्प्स पर और आज हम बात करने वाले है की UPS क्या है ? कैसे काम करता है, तो अगर आपको भी नहीं पता UPS के बारे में तो हमारा ब्लॉग अंत तक जरूर पढ़े। तो चलिए बिना देर किया शुरु करते हैं हमारा आज का आर्टिकल।RAM क्या है ?
आपको बता दे कि RAM की फुलफॉर्म Random Access Memory होती है तो इसकी फुल फॉर्म से तो RAM के बारे में कुछ भी पता नहीं चल रहा है इसलिए इसे एक साधारण उदाहरण के जरिये समझेंगे | मान लीजिये आप किसी ऑफिस में बैठे हुए है और आपको काम करने के लिए एक फाइल चाहिए होगी और फाइल किसी दूसरे कमरे में रखी हुई है तो जब आपको काम करना है तो आप उस फाइल को दूसरे कमरे से ले आयेंगे और डेस्क पर रखकर उस फाइल पर काम करने लग जायेंगे | एक समय ऐसा आता है जब आपको एक साथ बहुत काम करने होते है और इसके लिए आपको बहुत सारी फाइल की जरुरत पड़ेगी तो इस ज्यादा काम के लिए आपको ज्यादा फाइल रखने के लिए बड़े डेस्क की जरुरत भी पड़ेगी | जब आपको कोई सा भी काम करना होगा तो आप डेस्क से उसकी फाइल उठाकर करने लग जायेंगे | जब आपको काम ख़त्म हो जायेगा तो आप बापस उन सारी फाइल बापस उसी कमरे में रख देंगे |
मोबाइल में RAM भी कुछ इस तरह से ही काम करती है जो फाइल वाला दूसरा कमरा है उसे आप इंटरनल मेमोरी मान सकते है जिसमें आपकी सारी फाइल या एप है और जो डेस्क है वो आपकी RAM हो गयी जिसपर आप काम करते है तो यहां इसका काम आपके आदेशानुसार किसी एप को लाकर उसे रन करना है | चुकीं किसी एप को ओपन होने में चंद सेकंड का समय लगता है ये इसलिए होता है क्योंकि रैम की स्पीड बहुत फास्ट होती है आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है कि 1GB रेम को बनाने में उतना खर्च आता है जितना कि 16GB के मेमोरी कार्ड बनाने में होता है |
CPU को जो फाइल चाहिए होती है RAM उन्हें जल्दी से जल्दी भेजने का काम करती है जब आप किसी गेम को इंस्टाल कर लेते है तो वह RAM में इनस्टॉल नहीं बल्कि वह फोन की इंटरनल मेमोरी में इंस्टाल होते है | जब आप उस गेम पर क्लिक करते है तो वह रन करने के लिए फोन की मेमोरी से रैम पर आ जाता है और RAM काम करने लगती है इस बीच CPU और रेम के बीच बहुत तेजी से इनफार्मेशन का आदान प्रदान होता है | लेकिन जब आपके कंप्यूटर या मोबाइल की RAM कम होती है और आप कई बड़ी एप खोल के रन करवा रहे है तो इस स्थिति में मोबाइल या कंप्यूटर हैंग होने लगता है इसलिए कहा जाता है कि ज्यादा रैम मल्टीटास्किंग के लिए उपयोगी होती है |
मेमोरी क्या है और कितने प्रकार के होते है?
तुम्हारी Memory कमजोर हो गई है, क्या आपको कोई ऐसे बोला है, अगर नहीं जवाब है तो लेकिन आपको जरुर कोइना कोई ऐसे तो बोला ही होगा की तुम्हारी यादास्त कमजोर हो गई है, तो इस यादास्त को Memory बोलते हैं |तो जैसे हम जो भी कुछ काम करना रहता है उस काम को हम एक जगह में Store करके रखते जिससे जैसे वो हमें याद आता रहे और जगह का नाम दिमाग है , ऐसे ही Computer के अंदर बोहत Memory रहती जिसको Storage भी बोला ज्याता है, Computer की Memory एक जगह है जहाँ पे हम Data और Instruction को Store करके रखते है जिनको हम जब चाहें तब निकाल सके उस Memory से Data को |
तो Computer को कैसे पता चलता है की कौनसा Data और Instruction कहाँ पे रखा गया है तो इसके लिए वो Computer Memory को छोटे छोटे हिसों में बाटा गया है और इस हिसे का size समान होता है इन हिसों को Cell बोला ज्याता है |
हर एक cell का पता रहता है जिसको Memory Address बोला ज्याता है | और Memory address मतलब cell का पता, Computer इस पते के जरिये Data कहाँ छुपा हुआ है उसको ढूंडता है ( Data जैसेकी आपका Mobile Number, Mp3, Video, File) ये सब एक एक cell में रहते है, cell address 0 से सुरु होता है जितने हिसों में cell को भाग किया गया है उतने से एक कम इसका आखरी address होता है जैसे उदाहरण लेलो 5KB का Memory है और उसका एक cell Size 1बाइट है तो Memory के 5×1024=5120 cell होते हैं, मतलब खाचे बनेंगे और इतने 5120 address होंगे |
वैसे Computer में Memory मुख्यरूप से 3 तरह के होते है, वहीँ उन सब के अलग अलग काम और खासियत भी है |
1. Primary Memory
2. Secondary Memory
3. Cache Memory
लेकिन मै इस लेख में Primary Memory के बारे में बात करूंगा |
प्राइमरी मेमोरी क्या है?
इस Memory को Main Memory भी बोला जाता है, ये Memory वही Data और instruction रखती है जिस Data को Computer अभी इस्तेमाल करता है | इस Memory का space सिमित रहता है, इसमें Data तब तक रहता है जब तक power मतलब electricity रहता है जब power बंद Data गायब |ये semiconductor से बनी है | इनकी रफ़्तार कम होती है, registers की तुलना में | Computer के अंदर जो भी Data और instruction रहता है वो इस Main Memory में Processed होता है | इसके दो categories है पहला
1. RAM
2. ROM
RAM और ROM के बीच क्या है अंतर?
आपको बता देते हैं कि जब हम इंटरनेट पर इस बारे में खोज कर रहे थे, और अपने करीबियों से इनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे थे, तो हमारे सामने काफी कुछ आया है, कुछ लोगों को यह भी नहीं पता था कि आखिर यह दोनों क्या होते हैं। इसके अलावा अगर बात करें कुछ ऐसे लोगों की जो पिछले काफी समय से एक स्मार्टफोन या लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे थे, वह इनके बारे में जानते थे, लेकिन इनके बीच में क्या अंतर होता है, इस बात से वह सभी अनभिग्य थे। आइये अब शुरू करते हैं, और जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर इन दोनों के बीच में क्या बड़े अंतर हैं।
अगर हम रैम से शुरुआत करें तो आपको बता देते हैं कि यह एक ऐसी चिप होती है। जो स्थाई होती है, जिसे डाटा को अपने पास सेव रखने के लिए पॉवर आदि की जरूरत होती है। इसके अलावा जैसा ही इसका कनेक्शन पॉवर से कटता है, वैसे ही इसमें मौजूद सभी जानकारी गायब हो जाती है।
इसके अतिरिक्त अगर हम रोम आदि की चर्चा करें तो इसमें रैम के मुकाबले उल्टा होता है, यह एक ऐसी चिप है जो परिवर्तनशील नहीं होती है। अगर आप इसमें एक बाद डाटा को सेव कर दें तो इसे बदला नहीं जा सकता है। जैसे कि मैंने आपसे शुरुआत में ही कहा था कि इसे रीड ओनली मेमोरी के तौर पर देखा जाता है। यानी एक बार डाटा सेव करने के बाद उसे महज पढ़ा जा सकता है, उसे बदला नहीं जा सकता है। अंग्रेजी में इसे नॉन-वोलेटाइल स्टोरेज या मेमोरी भी कहा जाता है।
इस बड़े अंतर के अलावा भी इनके बीच में कुछ छोटे अंतर होते हैं, जिनका जिक्र यहाँ करना जरुरी है, क्योंकि अगर हम विस्तार से और स्पष्ट रूप से इनके बीच के अंतर को जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि आपको इस बड़े अंतर के अलावा भी इनके बारे में और भी कुछ जानना होगा तभी स्पष्ट हो पायेगा कि आखिर यह एक दूसरे से अलग कैसे हैं। तो आइये इनके और कुछ छोटे मोटे अंतरों के बीच के अंतर को भी जानने की कोशिश करते हैं।
• रैम को आप किसी डिवाइस में रोजमर्रा के कामों को करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, हालाँकि इसके अलावा रोम को महज उसी समय इस्तेमाल किया जाता है, जब उस डिवाइस का निर्माण किया जा रहा होता है।
• अगर आप रोम में डाटा को सेव करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसके लिए आपको एक लम्बी प्रक्रिया से गुजरना होता है। हालाँकि रैम में इसका उल्टा होता है, इसमें आप बड़ी तेजी से डाटा को सेव कर सकते हैं।
इसके अलावा अगर हम कम्प्यूटर के अन्दर रैम और रोम के बीच के अंतर को जानना चाहते हैं तो आपको बता देते हैं कि इसकी प्रक्रिया भी कुछ अलग है। या ऐसा भी कह सकते हैं, यह दोनों ही एक दूसरे से काफी अलग हैं। अगले लेख में हम आपको इसके बारे में भी जानकारी देने वाले हैं। इन दोनों के बीच में और अंतरों को जानने के लिए हमारे साथ बने रहे, हम जल्द ही आपके साथ इसी जानकारी पर कुछ नया लेकर हाजिर होंगे।
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